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✨💓 *बिखरे मोती* 💓✨
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👌🏻 *१०*
मुतकब्बिर की तरफ अल्लाह तआला नज़रे रहमत से नहीं देखते।
🔹हज़. आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा फरमाती है के मैने एक मर्तबा अपनी नयी कमीस पेहनी मे उसे देख कर बहोत खुश होने लगी वो मुझे बहोत अच्छी लग रही थी,
🔸हज़रत अबूबकर रज़ियल्लाहु अन्हा ने फ़रमाया "क्या देख रही हो ? इस वक़्त अल्लाह तुम्हे नज़रे रहमत से नहीं देख रहे है।"
🔹मैंने कहा "ये क्यों?.." फरमाया: ''क्या तुम्हे मालूम नहीं है के दुनिया की ज़ीनत की वजह से बंदा में उयुब (खुद को अच्छा समझना) पैदा हो जाता है तो जब तक वो बंदा ज़ीनत छोड़ नहीं देता उस वक़्त तक उसका रब उससे नाराज़ रहता है।"
🔸हज. आयशा रद. फरमाती है के "मैंने वो कमिस उतार कर उसी वक़्त सदक़ा कर दी तो हज. अबू बक्र रद. ने फ़रमाया"
🔹''शायद ये सदक़ा तुम्हारे इस उयुब के गुनाह का कफ़्फ़ारा हो जाये''
📗हयातुस्साहबा २/३९९
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✨💓 *बिखरे मोती* 💓✨
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👌🏻 *१०*
मुतकब्बिर की तरफ अल्लाह तआला नज़रे रहमत से नहीं देखते।
🔹हज़. आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा फरमाती है के मैने एक मर्तबा अपनी नयी कमीस पेहनी मे उसे देख कर बहोत खुश होने लगी वो मुझे बहोत अच्छी लग रही थी,
🔸हज़रत अबूबकर रज़ियल्लाहु अन्हा ने फ़रमाया "क्या देख रही हो ? इस वक़्त अल्लाह तुम्हे नज़रे रहमत से नहीं देख रहे है।"
🔹मैंने कहा "ये क्यों?.." फरमाया: ''क्या तुम्हे मालूम नहीं है के दुनिया की ज़ीनत की वजह से बंदा में उयुब (खुद को अच्छा समझना) पैदा हो जाता है तो जब तक वो बंदा ज़ीनत छोड़ नहीं देता उस वक़्त तक उसका रब उससे नाराज़ रहता है।"
🔸हज. आयशा रद. फरमाती है के "मैंने वो कमिस उतार कर उसी वक़्त सदक़ा कर दी तो हज. अबू बक्र रद. ने फ़रमाया"
🔹''शायद ये सदक़ा तुम्हारे इस उयुब के गुनाह का कफ़्फ़ारा हो जाये''
📗हयातुस्साहबा २/३९९
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